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    IIT Kanpur ने डमरू के सिद्धांत से खोजी स्टेल्थ हेलीकॉप्टर की तकनीक, जानिए- इसकी विशेषताएं

    इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और अल्ट्रासोनिक वेव को अवशोषित करने की है क्षमता। भविष्य में सुपर लूप ट्रेन संचालन व छोटे से ट्यूमर खोजने में रहेगी कारगर। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और अल्ट्रासोनिक वेव को इसने अवशोषित कर लिया। मैकेनिकल विभाग के प्रो. बिशाख भट्टाचार्या और उनकी टीम को यह कामयाबी मिली है।

    By ShaswatgEdited By: Updated: Wed, 02 Dec 2020 12:32 PM (IST)
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    फोनोनिक मैटेरियल्स की मदद से मधुमक्खी के छत्ते के आकार की संरचना की ।
    कानपुर, जेएनएन। आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों ने डमरू के सिद्धांत से ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे दुश्मनों को चकमा देने वाले स्टेल्थ (अदृश्य) हेलीकॉप्टर व पनडुब्बी बनाई जा सकती है। इससे भविष्य में सुपर लूप ट्रेन के संचालन का रास्ता भी साफ होगा। यह तकनीक शरीर के छोटे से ट्यूमर को खोजने में भी कारगर रहेगी। इस तकनीक को मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

    यहां के विशेषज्ञों ने फोनोनिक मैटेरियल्स की मदद से मधुमक्खी के छत्ते के आकार की संरचना की और इसे डमरू के आकार में तैयार किया। इसकी टेस्टिंग में चौंकाने वाले परिणाम मिले। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और अल्ट्रासोनिक वेव को इसने अवशोषित कर लिया। मैकेनिकल विभाग के प्रो. बिशाख भट्टाचार्या और उनकी टीम को यह कामयाबी मिली है। उन्होंने इस आकार को बिल्डिंग ब्लॉक का नाम दिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें  इस तकनीक को विकसित करने की प्रेरणा डमरू से मिली है। भगवान शंकर ने दो सिरे वाले डमरू से ब्रह्मांड को विनियमित करने के लिए एक विशेष ध्वनि उत्पन्न की थी। इसका ही उपयोग किया गया।

    हाइपर लूप की फ्रीक्वेंसी रोकेगी

    इस तकनीक से हाईपर लूप या बुलेट ट्रेन की फ्रीक्वेंसी को रोकने में मदद मिलेगी, जिससे ब्रिज या रास्ते में आने वाले भवन सुरक्षित रह सकेंगे। हाइपर लूप और बुलेट ट्रेन के चलने से तेज आवाज निकलती है, जो पुरानी इमारतों के लिए नुकसानदायक है। इस तकनीक से तेज आवाज को अवशोषित किया जा सकेगा।

    शिक्षा मंत्रालय की ओर से सहयोग

    यह शोध शिक्षा मंत्रालय की स्पार्क परियोजना के सहयोग से किया गया। प्रो. बिशाख के साथ पीएचडी छात्र विवेक गुप्ता और स्वानसी विश्वविद्यालय यूनाइटेड किंगडम के प्रो. अनुदीपन अधिकारी भी शामिल रहे।

    यह होता है फोनोनिक मैटेरियल  

    फोनोनिक मैटेरियल्स कंपोजिट मैटेरियल्स से बने होते हैं। इसको विशेष तरह से डिजाइन किया जाता है, जिसमें एक ही ध्वनि का कई तरह से बिखराव होता है। कंपोजिट मैटेरियल दो अलग अलग तरह के केमिकल और फिजिकल प्रॉपर्टी वाले मैटेरियल से बनते हैं। इनकी प्रॉपर्टी बिलकुल बदल जाती है, जबकि करंट का असर नहीं पड़ता है।

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