उत्तर प्रदेश सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मोहम्मद अखलाक के घर में फ्रिज में जो मांस रखा था वह बीफ नहीं, मटन था। दादरी के अखलाक की हत्या इस अफवाह के बाद कर दी गई थी कि उसने बछड़े का मांस खाया और घर में रखा। उसके बेटे को भी भीड़ ने बुरी तरह घायल कर दिया था। यह घटना 29 सितंबर की है। भीड़ ने अखलाक को उसके घर से घसीट कर इतना पीटा था कि उसकी मौत हो गई थी। भीड़ जब उसे और उसके बेटे को पीट रही थी, तो परिवार वाले चिल्ला रहे थे कि उनके घर में बीफ नहीं था। पर भीड़ हमलावर और गांव वाले तमाशबीन बने रहे। विवाद बढ़ने पर करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें एक स्थानीय भाजपा नेता का बेटा भी है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ने जो चार्जशीट दायर की है उसमें यह जिक्र है कि अखलाक के घर में मटन रखा था, बीफ नहीं। उत्तर प्रदेश वेटेरिनरी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के हवाले से ऐसा कहा गया है। हालांकि, अभी फॉरेंसिक लैब से जांच के नतीजे आने हैं।
दादरी के बिसाड़ा गांव में हुई अखलाक नाम के शख्स की हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने पिछले सप्ताह बुधवार को चार्जशीट फाइल की है। पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इनमें एक नाबालिग भी है। पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि अखलाक के घर से एक रॉड, पांड लाठियां, खून से लथपथ कपड़े, जूते और एक मीट का टुकड़ा बरामद किया गया है।
अखलाक का संदर्भ देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र पांचजन्य के एक लेख में कहा गया था कि वेद में गौ हत्या करने वालों को मौत की सजा देने की बात कही गई है। मुखपत्र में ‘इस उत्पात के उसपार’ शीर्षक से लेख में आरोप लगाया गया कि मदरसे और मुस्लिम नेता युवा मुसलमानों को देश की परंपराओं से नफरत करना सिखाते हैं। अखलाक भी इन्हीं बुरी हिदायतों के चलते शायद गाय की कुरबानी कर बैठा।